Indo-Turkey Conflict : भारत ने तुर्किए को दिया कड़ा संदेश,पाकिस्तान से कहे आतंकवाद का समर्थन बंद करे

New Delhi : भारत ने तुर्किए(Indo-Turkey Conflict) को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन बंद करने और दशकों से पोषित आतंकी तंत्र के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आग्रह करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि तुर्किए पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन बंद करने और आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह करेगा। उन्होंने जोड़ा कि रिश्ते एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता पर आधारित होते हैं।

यह बयान तुर्किए के पाकिस्तान के प्रति खुले समर्थन के बाद आया है, खासकर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर हमला कर 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमलों को भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिया।

Indo-Turkey Conflict
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जायसवाल ने जम्मू-कश्मीर पर भारत का रुख दोहराया, “जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। एकमात्र लंबित मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र पीओके को खाली करना है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा, तभी कोई सार्थक बातचीत संभव है। भारत का रुख है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है, “आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, न ही आतंक और व्यापार।”

सिंधु जल संधि (IWT) के निलंबन पर जायसवाल ने कहा कि यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद बंद नहीं करता। “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते,” उन्होंने कहा, जिससे राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों को लाभ होगा, जो लंबे समय से जल संकट का सामना कर रहे हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणी पर जायसवाल ने तीसरे देश की मध्यस्थता को खारिज करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय होगा। किसी तीसरे देश की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।

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चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की बीजिंग में त्रिपक्षीय बैठक पर जायसवाल ने कहा कि हमने कुछ रिपोर्टें देखी हैं, इससे अधिक कुछ नहीं कहना। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री की बातचीत पर उन्होंने बताया कि जयशंकर ने पहलगाम हमले की निंदा के लिए अफगानिस्तान को धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की झूठी कोशिशों को खारिज किया।

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भारत की कूटनीतिक रणनीति में 23 मई से सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 30 से अधिक देशों में जाएंगे, ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन को उजागर किया जाए। शशि थरूर और कनिमोझी करुणानिधि जैसे नेताओं के नेतृत्व में यह अभियान वैश्विक समर्थन जुटाएगा।

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