Varanasi : चिरईगांव में तेंदुए का आतंक! 4 दिन से दहशत, 3 ग्रामीणों पर हमला कर चुका है शिकारी

Varanasi: चिरईगांव इलाके में एक तेंदुआ पिछले चार दिनों से दहशत का पर्याय बना हुआ है। इस तेंदुए ने तीन लोगों—अमित मौर्या, अनिल राजभर और जयदेव राजभर पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। यह तेंदुआ बिहार से नदी के रास्ते चंदौली होते हुए वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के कामाख्या नगर कॉलोनी और आसपास के गांवों में पहुंचा है। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है, लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल सका है।

चार दिन पहले, 23 मई 2025 को चौबेपुर के गौरा काला गांव में अमित मौर्या पर तेंदुए (Leopard) ने हमला किया, जब वह अपने बगीचे में फूल तोड़ रहा था। इसके बाद, 24 मई को कामाख्या नगर कॉलोनी के पास करौंदा बगीचे में दो अन्य लोगों, अनिल राजभर और जयदेव राजभर, पर हमला हुआ।

Leopard

सभी घायलों का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है। तेंदुआ शुक्रवार को सुबह 9:00 बजे से शाम 4:50 बजे तक नीम के पेड़ के नीचे झाड़ियों में छिपा रहा और बाद में सुरक्षा घेरा तोड़कर पास के बस्ती क्षेत्र में भाग गया। तेंदुए की गतिविधियां एक निजी सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे में भी कैद हुईं।

जिला वन अधिकारी (DFO) स्वाति श्रीवास्तव के नेतृत्व में वन विभाग ने लखनऊ, वाराणसी और चंदौली की विशेषज्ञ टीमें तैनात की हैं। तीन स्थानों पर पिंजरे और आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर जाल लगाए गए हैं। लखनऊ से ट्रैंक्विलाइजर गन और जाल लाए गए हैं। तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे भी स्थापित किए गए हैं। 50 से अधिक सुरक्षाकर्मी तीन शिफ्टों में 12 गांवों में तलाशी अभियान चला रहे हैं। डीसीपी प्रमोद कुमार ने ग्रामीणों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने और सतर्क रहने की सलाह दी है।

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तेंदुए के हमलों के बाद नदी किनारे के गांवों में भय का माहौल है। ग्रामीण लाठी और जाल लेकर रातभर पहरा दे रहे हैं। किसान खेतों में नहीं जा रहे, जिससे उनकी फसलों की देखभाल प्रभावित हो रही है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग की कथित लापरवाही पर गुस्सा जताया है, क्योंकि शुक्रवार रात के बाद तेंदुए की कोई गतिविधि नहीं दिखी और यह स्पष्ट नहीं है कि वह क्षेत्र में छिपा है या भाग गया है।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह तेंदुआ लगभग तीन साल का है और बिहार से भटककर नदी के रास्ते चंदौली के जंगली इलाकों से होते हुए वाराणसी पहुंचा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में शिकार की कमी और मानव अतिक्रमण के कारण तेंदुए मानव बस्तियों की ओर आ रहे हैं।

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वन विभाग ने ग्रामीणों को जागरूकता अभियान के तहत सतर्क रहने और सुबह-शाम अकेले बाहर न निकलने की सलाह दी है। डीएफओ स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी।

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