Varanasi : चंदौली में 27 किलोमीटर लंबे रिंग रोड पर गंगा नदी के 1800 मीटर लंबे और 30 मीटर ऊंचे पुल(Ganga Bridge) का एक लेन रविवार दोपहर से यातायात के लिए खोल दिया गया। इस पुल के शुरू होने से वाराणसी से चंदौली की कनेक्टिविटी और आसान हो गई है। बाढ़ जैसी स्थिति में भी इसकी ऊंचाई के कारण आवागमन प्रभावित नहीं होगा।
रिंग रोड और पुल का महत्व
- कनेक्टिविटी में सुधार: रिंग रोड और गंगा पुल से चंदौली से वाराणसी की यात्रा सुगम होगी। यह पुल चार राष्ट्रीय राजमार्गों—प्रयागराज-कोलकाता, जौनपुर-वाराणसी, आजमगढ़-वाराणसी और गाजीपुर-वाराणसी—को जोड़ता है।
- शहर से बचाव: वाहन अब वाराणसी शहर में प्रवेश किए बिना बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और प्रयागराज की ओर जा सकेंगे।
- लाभार्थी जिले: प्रयागराज, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मऊ, भदोही, मिर्जापुर और आजमगढ़ से आने वाले वाहन चालकों को समय और ईंधन की बचत होगी। चंदौली या बिहार जाने वाली गाड़ियां सीधे रिंग रोड से निकल सकेंगी।

पुल और रिंग रोड की विशेषताएं
- लंबाई और डिज़ाइन: रिंग रोड 27 किमी लंबा है, जिसमें गंगा पर 1800 मीटर लंबा और 30 मीटर ऊंचा पुल शामिल है।
- बाढ़ प्रतिरोधी: ऊंचाई के कारण बाढ़ के दौरान भी यातायात निर्बाध रहेगा।
- आर्थिक प्रभाव: यह रिंग रोड क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा, क्योंकि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने विकसित किया है, जिसका उद्देश्य वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में यातायात के दबाव को कम करना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। पुल के एक लेन के शुरू होने से चंदौली और वाराणसी के बीच यात्रा समय में कमी आएगी। स्थानीय व्यापारियों और यात्रियों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि यह न केवल समय बचाएगा, बल्कि ईंधन की खपत और वायु प्रदूषण को भी कम करेगा।

NHAI और स्थानीय प्रशासन जल्द ही पुल के दूसरे लेन को भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही, रिंग रोड पर सुरक्षा और रखरखाव के लिए सीसीटीवी, ट्रैफिक सिग्नल और पुलिस चौकियों की व्यवस्था की जा रही है।
