Mumbai : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 4-6 जून 2025 को हुई बैठक में रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) कम करके 6% से 5.75% करने का सर्वसम्मति से फैसला लिया। यह इस साल तीसरी बार रेपो रेट में कटौती है, इससे पहले फरवरी और अप्रैल 2025 में भी 0.25% की कटौती हो चुकी है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में लिए गए इस निर्णय से होम, कार और पर्सनल लोन की EMI में कमी आने की उम्मीद है, जिससे उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी।

MPC बैठक के प्रमुख बिंदु
- नीतिगत दरें
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स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट 5.50% पर समायोजित।
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट 6.00% पर।
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नीति रुख: MPC ने "accommodative" रुख बरकरार रखा, जो आर्थिक विकास को समर्थन और मुद्रास्फीति को 4% (±2%) के लक्ष्य पर रखने का संकेत देता है।
- आर्थिक अनुमान
- FY26 के लिए GDP वृद्धि अनुमान को 6.5% से घटाकर 6.3% किया गया, वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं को देखते हुए।
- FY26 के लिए CPI मुद्रास्फीति अनुमान 4.0% पर, जिसमें Q1: 3.7%, Q2: 4.0%, Q3: 3.9% और Q4: 4.2%।

विशेषज्ञों की राय
- मदन सबनवीस, चीफ इकोनॉमिस्ट, बैंक ऑफ बड़ौदा: “मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और RBI के तरलता उपायों ने बैंकिंग सिस्टम को सहज बनाया। 0.25% की कटौती विकास को गति देगी।”
- अदिति नायर, चीफ इकोनॉमिस्ट, ICRA: “FY26 में CPI मुद्रास्फीति 4% के आसपास रहेगी। जून के बाद अगस्त 2025 में एक और कटौती संभव है, जिससे रेपो रेट 5.25% तक पहुंच सकता है।”
- उमेशकुमार मेहता, CIO, SAMCO म्यूचुअल फंड: “यह कटौती वैश्विक व्यापार युद्ध के बीच क्रेडिट वृद्धि को बढ़ाएगी। बॉन्ड मार्केट के लिए सकारात्मक, लेकिन अमेरिकी बॉन्ड यील्ड का दबाव प्रभाव को सीमित कर सकता है।”
रेपो रेट 5.75% होने से होम और कार लोन की EMI कम होगी, खासकर MCLR-लिंक्ड फ्लोटिंग रेट लोन पर। रियल एस्टेट में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे पहली बार घर खरीदने वालों और डेवलपर्स को लाभ होगा। हालांकि, बैंकों की तरलता के आधार पर लाभ का हस्तांतरण धीमा हो सकता है।
