Varanasi: आगामी गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी पर्व के दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। पर्वों को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से मंगलवार को जल पुलिस कार्यालय में नाविकों और नौका संचालकों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई।
इस गोष्ठी की अध्यक्षता अपर नगर आयुक्त बबिता यादव और सहायक पुलिस आयुक्त दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी ने की। बैठक में मांझी समाज के अध्यक्ष प्रमोद माझी, जल पुलिस प्रभारी, दशाश्वमेध थाना प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार शुक्ल, एनडीआरएफ, पीएसी फ्लड कंपनी तथा बड़ी संख्या में नाविक उपस्थित रहे।
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बैठक के दौरान नाविकों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल रहे:
- किसी भी नाविक को नशे की हालत में नाव नहीं चलाने दी जाएगी।
- नाव पर डीजे या उच्च ध्वनि वाले यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा।
- सभी नावें नियंत्रित गति में चलेंगी और गहरे पानी या तेज हवा में संचालन नहीं होगा।
- नाविकों को मोबाइल का उपयोग करते हुए नाव चलाने से मना किया गया है।
- हर नाव पर चालक और सहचालक की अनिवार्य उपस्थिति रहेगी, दोनों के पास सीटी अनिवार्य होगी।
- नाव की क्षमता से अधिक सवारी लेना सख्त वर्जित रहेगा।
- सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनाकर ही नाव में बैठाया जाएगा।
- किसी भी नाव चालक को निर्धारित किराये से अधिक शुल्क लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- केवल लाइसेंस प्राप्त व प्रशिक्षित नाविक ही नाव का संचालन करेंगे।
- मछली पकड़ने वाली नावें सवारी नहीं ढोएंगी।
इस बैठक के जरिए प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि इस बार घाटों पर सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था सर्वोपरि है, और इसके लिए नाविकों का सहयोग अनिवार्य है।

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जल पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां पर्व के दौरान लगातार निगरानी करती रहेंगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।