वाराणसी। IIT BHU वाराणसी ने अपने परिसर को और अधिक सुरक्षित, जागरूक और छात्र-अनुकूल बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। संस्थान ने सीसीटीवी कैमरों की संख्या 200 से बढ़ाकर 520 कर दी है, साथ ही आपातकालीन स्थितियों में तेज़ सहायता के लिए दो एंबुलेंस, रात्रिकालीन वाहन सुविधा और ’पिंक बूथ’ सुरक्षा सहायता डेस्क जैसी कई पहल शुरू की हैं।
IIT BHU के चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए मुख्य द्वारों, छात्रावासों के प्रवेश बिंदुओं और प्रमुख मार्गों पर 49 हाई-रेज़ोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी 24 घंटे मॉनीटरिंग की जाती है। इसके अलावा, पेट्रोलिंग वाहन, बाइक गश्त और रात में छात्राओं को लैब से हॉस्टल तक पहुँचाने के लिए वाहन सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए दो एंबुलेंस हमेशा तैयार रखी गई हैं। वर्तमान में IIT BHU संस्थान में 229 सुरक्षा गार्ड (216 पुरुष, 13 महिला) तैनात हैं, जो चौबीसों घंटे परिसर की निगरानी करते हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए IIT BHU संस्थान ने पिंक बूथ की स्थापना की है, जो छात्राओं के लिए एक विशेष सुरक्षा सहायता केंद्र के रूप में कार्य करता है, जहाँ वे अपनी समस्याएं दर्ज कर सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
IIT BHU की सुरक्षा व्यवस्था में लगे कर्मी और खुफिया टीमें नियमित रूप से विभागों और फैकल्टी क्षेत्रों का निरीक्षण करती हैं। फैकल्टी, स्टाफ और छात्रों के लिए आपातकालीन वाहन सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिसे सुरक्षा कार्यालय के माध्यम से संचालित किया जाता है।
IIT BHU द्वारा ‘ग्रीन ज़ोन’ नीति को भी कड़ाई से लागू किया गया है। परिसर में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाने के लिए बाहरी व्यक्तियों की एंट्री, वाहन नंबर प्लेट की जांच, आईडी चेकिंग और ओवर स्पीडिंग पर नियंत्रण जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
IIT BHU के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि “छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन सभी पहलों का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण बनाना है जहाँ सभी सुरक्षित, संरक्षित और समर्थित महसूस करें।”
