Varanasi : माहेश्वरी समाज ने अपने वंश उत्पत्ति दिवस, Mahesh Navami के पावन अवसर पर काशी में भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया। दशाश्वमेध घाट से शुरू होकर यह शोभायात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर तक पहुँची, जहाँ विधि-विधान से भगवान शिव का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक किया गया। “हर हर महादेव”, “ॐ नमः शिवाय” और “हर हर बम बम” के जयघोषों से गंगा तट गूँज उठा। पारंपरिक परिधानों में सजे समाज के पुरुष और महिलाएँ इस आयोजन में उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
दशाश्वमेध घाट पर ब्राह्मणों ने गंगाजल, दूध और पुष्पों के साथ भगवान महेश की स्तुति और पूजन किया। इसके बाद, महिलाएँ और पुरुष, विशेष रूप से केसरिया साड़ियों और कुर्ता-पायजामा में सजे समाजजन, कलश लेकर शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा गोदौलिया, कोतवालपुरा और बांसफाटक होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर पहुँची। भगवान शिव और माता पार्वती की वेशभूषा में नृत्य-नाटिका प्रस्तुत करने वाले पूजा पटवारी, कृष्ण कुमार काबरा, राकेश दरक, मनीष झवर और ऋषि जैसे कलाकार आकर्षण का केंद्र रहे।

उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री (Free Charge) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ शोभायात्रा में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि माहेश्वरी समाज की काशी में समाज सेवा और सांस्कृतिक योगदान की भूमिका अनुकरणीय है। यह शोभायात्रा बाबा विश्वनाथ के प्रति श्रद्धा और काशी की मंगलकामना का प्रतीक है। इस आयोजन में शामिल होना मेरे लिए आध्यात्मिक और भावनात्मक अनुभव है। उन्होंने माहेश्वरी परिषद का आभार व्यक्त किया।

काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव का विधिवत जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक किया गया। रुद्राभिषेक में यजुर्वेद के श्री रुद्रम् मंत्रों का पाठ हुआ और शिवलिंग को पंचामृत, शहद और बेलपत्र से स्नान कराया गया। यह पूजा भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करने और जीवन में शांति व समृद्धि लाने के लिए मानी जाती है।

परिषद के प्रचार मंत्री गौरव राठी ने कहा कि महेश नवमी माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति का स्मृति पर्व है, जो आत्मगौरव और एकजुटता का प्रतीक है। समाज ने अपनी सेवा, शिक्षा, और व्यापारिक योगदान से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा और रुद्राभिषेक के साथ-साथ समाज ने रक्तदान शिविर, निःशुल्क प्याऊ और पर्यावरण जागरूकता जैसे सामाजिक कार्य भी किए।

शोभायात्रा का नेतृत्व माहेश्वरी परिषद के अध्यक्ष किशोर मुंदड़ा और मंत्री अनिल झंवर ने किया। इसमें किशोर मुंदड़ा, अनिल झंवर, योगेश भूराड़िया, शंकरलाल सोमानी, मांगीलाल शारदा, जेठमल चांडक, पवन धूत, धीरज मल, गिरिराज कोठारी, गौरव राठी, लोकेंद्र करवा, वरुण मुंदड़ा, कैलाश राठी, राकेश मुंदड़ा, नवनीत कोठारी, कविता मारू, जीतू चांडक, सोनिया मारू, अजय जाखोटिया सहित कई समाजजन शामिल रहे।
