UP Marriage Registration Rules : उत्तर प्रदेश में अब बिना परिवार की मंजूरी के गुपचुप तरीके से विवाह पंजीकरण (UP Marriage Registration Rules) करवाना आसान नहीं रहेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के तहत आईजी निबंधन ने विवाह पंजीकरण से जुड़े नए अंतरिम दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पहले विवाह स्थल के आधार पर पंजीकरण की अनुमति दी जाती थी, जिससे कई बार नकली या जबरन विवाहों की शिकायतें सामने आती थीं। सरकार ने इस नियम में बदलाव कर इसे रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब बिना ठोस सबूत और गवाही के विवाह को कानूनी दर्जा नहीं मिलेगा। एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि यह नया आदेश शुक्रवार शाम को लागू किया गया है और शनिवार से यह नियम प्रभावी हो गया है।
पंडित की मौखिक गवाही और शपथपत्र अब अनिवार्य
अब विवाह का प्रमाण केवल तस्वीर या निमंत्रण कार्ड से नहीं चलेगा। विवाह संपन्न कराने वाले पंडित या पुरोहित की मौखिक गवाही और शपथपत्र अनिवार्य होगा। पंजीकरण के समय पंडित को खुद उपस्थित होना होगा और उन्हें अपना नाम, पता, आधार कार्ड की कॉपी, वैध पहचान पत्र, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो प्रस्तुत करनी होगी।
हर विवाह का सटीक रिकॉर्ड रखना होगा जरूरी
कार्यालय में एक पंजिका रखी जाएगी, जिसमें हर माह दर्ज हुए विवाहों का पूरा ब्यौरा लिखा जाएगा। यह रिकॉर्ड सहायक महानिरीक्षक द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। नए नियमों का मकसद विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, परिवार की सहमति सुनिश्चित करना और फर्जीवाड़े को रोकना है। इसके साथ ही बाल विवाह, जबरन विवाह जैसी सामाजिक समस्याओं पर भी नियंत्रण मिलेगा।

इस बदलाव से विवाह पंजीकरण में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे समाज में भ्रांतियों और गलत प्रथाओं पर अंकुश लगेगा।