- भारत में कोरोना के एक्टिव केस में 15 दिनों में 30 गुना तक वृद्धि
- MERS-CoV से जुड़े नए वायरस में पाए गए खतरना म्यूटेशन
- HKU5-CoV-2 नामक वायरस में महामारी (Pandemic) बनने की क्षमता
- वैज्ञानिकों ने चेताया: चमगादड़ों से इंसानों में फैल सकता है संक्रमण
- अब तक इंसानों में HKU5 का मामला नहीं, लेकिन भविष्य में खतरे की आशंका
New Pandemic Alert: दुनिया अभी तक पूरी तरह से कोरोना वायरस से उबर नहीं पाई है कि एक नई महामारी (Pandemic) की आशंका ने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। अमेरिका की वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के वैज्ञानिकों ने एक नए वायरस पर अध्ययन करते हुए चेतावनी दी है कि यह वायरस भविष्य में कोरोना जैसी एक और वैश्विक महामारी का कारण बन सकता है।
इस वायरस का नाम HKU5-CoV-2 है, जो MERS-CoV परिवार से संबंधित है और मुख्य रूप से चमगादड़ों से फैलता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस वायरस में कुछ और म्यूटेशन होते हैं, तो यह इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
HKU5 वायरस की यह विशेषता भी सामने आई है कि यह इंसानों की कोशिकाओं को उसी ACE2 रिसेप्टर के माध्यम से प्रभावित कर सकता है, जिसका उपयोग कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) करता है। यह तथ्य इसे और अधिक खतरनाक बनाता है।
हालांकि अभी तक यह वायरस सिर्फ चमगादड़ों में ही पाया गया है और इंसानों में संक्रमण के प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगर इसमें म्यूटेशन जारी रहे, तो यह अगली Pandemic की नींव रख सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि HKU5-CoV-2 की मृत्यु दर लगभग 34% हो सकती है, जो कोरोना से कहीं अधिक घातक है। यह वायरस श्वसन तंत्र और छोटी आंत को प्रभावित कर सकता है।
क्या वास्तव में आ सकती है नई महामारी?
इस पर विशेषज्ञ राय भिन्न-भिन्न दे रहे हैं। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ओस्टरहोम का मानना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि HKU5-CoV-2 महामारी (Pandemic) का कारण बनेगा। दुनिया की बड़ी आबादी अब संक्रमणों के प्रति अधिक प्रतिरक्षित है, लेकिन इस वायरस की निरंतर निगरानी और अध्ययन बेहद जरूरी है।

वर्तमान में खतरा भले ही प्रत्यक्ष न हो, लेकिन विशेषज्ञों की चेतावनी को नजरअंदाज करना भी ठीक नहीं होगा। जैसे कोरोना ने बिना किसी पूर्व सूचना के दुनिया को अपनी चपेट में लिया था, वैसे ही यह नया वायरस भी बड़ा संकट बन सकता है। समय रहते इसकी निगरानी, शोध और वैश्विक तैयारियां बेहद आवश्यक हैं।