Varanasi: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में छात्र हितों को लेकर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के 29वें दिन आधी रात को प्रशासन द्वारा बलपूर्वक कार्रवाई के तहत कई छात्र नेताओं समेत छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस घटना के विरोध में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
चंदौली के सांसद व वरिष्ठ समाजवादी पार्टी (सपा) नेता वीरेंद्र सिंह ने Varanasi के पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर कार्रवाई को आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा, “रात दो बजे छात्रों को उठाकर गिरफ्तार करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर छात्र अपने विश्वविद्यालय में सुरक्षित नहीं हैं, तो वे और कहां सुरक्षित होंगे?” सांसद ने स्पष्ट किया कि छात्र कोई अपराधी नहीं हैं और उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार अनुचित है।

उन्होंने कुलपति से भी इस मुद्दे पर बात की और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का ‘मेरिट पोर्टल’ सभी विश्वविद्यालयों में पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिसका पालन गैर-केंद्र सरकार विश्वविद्यालयों को करना होगा। सिंह ने आश्वासन दिया कि यदि यह मामला कुलपति के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, तो वह उच्च शिक्षा मंत्री से मिलकर छात्र हितों में कदम उठाएंगे।
वहीं, Varanasi सपा जिला अध्यक्ष सुजीत यादव ‘लक्कड़ पहलवान’ के नेतृत्व में समाजवादी छात्र सभा के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने छात्रों की गिरफ्तारी और बल प्रयोग की निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया।
छात्र नेताओं ने Varanasi प्रशासन से मांग की है कि गिरफ्तार छात्रों को तुरंत रिहा किया जाए और धरने के अधिकार का सम्मान हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि छात्रों के साथ न्याय नहीं हुआ, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
