Varanasi: भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय (PMO) पर Agrasen PG College के लगभग 40 निष्कासित प्रबंधकीय शिक्षकों और कर्मचारियों ने एकत्र होकर अपनी बहाली की मांग उठाई। उन्होंने विधायक नीलकंठ तिवारी को प्रार्थना पत्र सौंपकर कॉलेज प्राचार्य और प्रबंध समिति पर मनमानी, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए। यह मामला वाराणसी के शैक्षिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

शिक्षकों-कर्मचारियों के आरोप
- मनमाना निष्कासन:
- निष्कासित शिक्षकों का कहना है कि वे 20-25 वर्षों से प्रबंधकीय योजना के तहत कॉलेज में शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में योगदान दे रहे हैं।
- 2022-25 और 2025-28 की प्रबंध समिति और प्राचार्य ने मनमाने ढंग से उन्हें निष्कासित कर दिया।
- निष्कासन का नोटिस व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया, जिसे शिक्षकों ने अमानवीय और नियम-विरुद्ध बताया।
- वेतन बकाया:
- पिछले ढाई माह से शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया, जिससे उनके सामने परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई जैसी वित्तीय समस्याएँ खड़ी हो गई हैं।
- कॉलेज के खातों में पर्याप्त धन होने के बावजूद वित्तीय तंगी का बहाना बनाया जा रहा है।
- भ्रष्टाचार के आरोप:
- कॉलेज को दान में मिली सुविधाओं (जैसे हॉल, भवन) का उपयोग छात्राओं की पढ़ाई के बजाय व्यावसायिक कार्यों (जैसे किराए पर देना) में हो रहा है।
- बिना टेंडर के एक एजेंसी को लाखों रुपये का भुगतान।
- परीक्षा कॉपियों और छपाई के लिए लागत से तीन गुना अधिक खर्च।
- प्राचार्य और प्रबंधक ने चहेते शिक्षकों को नियम-विरुद्ध प्रबंध और वित्त समितियों में शामिल किया।
- कॉलेज के स्ववित्तपोषित खातों का दुरुपयोग।
- छात्राओं और शिक्षकों का उत्पीड़न:
- प्राचार्य और प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण छात्राओं के प्रवेश में कमी आई, जिसका दोष शिक्षकों पर मढ़ा जा रहा है।
- शिक्षकों और कर्मचारियों पर मानसिक दबाव और उत्पीड़न का आरोप।
- 2021 में भी बी.कॉम. छात्राओं ने अयोग्य शिक्षकों से पढ़ाई और वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी, जिसके बाद सरकार ने जाँच के आदेश दिए थे।
- शैक्षिक गुणवत्ता पर प्रभाव:
- मनमानी और भ्रष्टाचार के कारण कॉलेज की शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
- शिक्षकों का कहना है कि उनकी बहाली से छात्राओं का भविष्य सुरक्षित होगा और कॉलेज की प्रतिष्ठा बनी रहेगी।

मांगें
- निष्कासित शिक्षकों और कर्मचारियों की बहाली तत्काल प्रभाव से।
- प्राचार्य और प्रबंध समिति के खिलाफ भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जाँच।
- कॉलेज के वित्तीय खातों की पारदर्शी जाँच।
- छात्राओं के हितों की रक्षा और शैक्षिक सुविधाओं का उचित उपयोग।
