Cyber Fraud : CBI अधिकारी बनकर साइबर ठग ने रिटायर्ड कर्मी से की 57 लाख की ठगी, 10 दिनों तक घर रखा डिजिटल अरेस्ट

Cyber Fraud : बिहार के मोतिहारी में एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) का मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड कृषि विभाग कर्मचारी को फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर 10 दिन तक मानसिक रूप से बंधक बनाकर 57 लाख रुपये की ठगी कर ली गई।

Cyber Fraud : झांसे में लिया गया CBI का नाम

पीड़ित दिलीप कुमार को फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले एक शातिर ठग ने कहा कि उनका नाम देश के चर्चित जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया है। ठग ने दावा किया कि इस केस में उनका पैन कार्ड इस्तेमाल हुआ है, जिससे उन्हें अब सीबीआई जांच का सामना करना पड़ेगा।

इतना ही नहीं, आरोपी ने फर्जी सीबीआई ऑफिस का वीडियो दिखाया, और जान से मारने की धमकी देते हुए लगातार मानसिक दबाव बनाया। डर और दहशत के माहौल में दिलीप कुमार और उनकी पत्नी ने 2 फरवरी 2025 को अपने बैंक खातों से 57 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।

8 राज्यों में 21 से अधिक केस, शातिर ठग गिरफ्तार

मामले की शिकायत दिलीप कुमार ने मोतिहारी साइबर थाना में की। जांच में सामने आया कि ये शख्स एक अंतरराज्यीय साइबर अपराधी है, जिस पर देशभर के 8 राज्यों में 21 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

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जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सबसे पहले ट्रांसफर की गई रकम कटिहार निवासी आकाश मुखर्जी के खाते में गई थी। इसके बाद एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया और 12 जून को कटिहार पुलिस के सहयोग से आरोपी आकाश मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया।

B.Tech पढ़ाई के बाद ठगी की दुनिया में कदम रखा

पुलिस पूछताछ में 37 वर्षीय आकाश मुखर्जी ने कबूल किया कि उसने B.Tech तक की पढ़ाई की थी, लेकिन नौकरी नहीं मिलने पर एक बंगाल निवासी के संपर्क में आकर साइबर ठगी का रास्ता अपनाया। इस पैसे से उसने कटिहार में एक हार्डवेयर की दुकान भी खोल ली थी।

13 जून को आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब ठगी के इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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