वाराणसी I काशी विश्वनाथ मंदिर में 18 जून 2025 को एक ऐतिहासिक जलाभिषेक (Kashi Vishwanath Jalabhishek) का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें पहली बार बाबा विश्वनाथ का अभिषेक 17 नदियों, 3 सागर, 8 तीर्थ और 4 कूप के पवित्र जल से किया जाएगा। सनातन रक्षक दल द्वारा प्रीति योग में आयोजित इस जलाभिषेक का उद्देश्य विश्व कल्याण, शांति और देशवासियों की रक्षा की कामना है।
सनातन रक्षक दल की तैयारियां पूरी
सनातन रक्षक दल की बैठक में इस भव्य आयोजन की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई। दल के प्रदेश अध्यक्ष पं. अजय शर्मा ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों और Kashi Vishwanath मंदिर में बढ़ती श्रद्धालु भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बाबा विश्वनाथ के उत्तम स्वास्थ्य और उनकी लिंगस्वरूप मूर्ति की पवित्रता-शुचिता के लिए साल में दो बार जलाभिषेक किया जाएगा। पहला जलाभिषेक 18 जून को होगा, जबकि दूसरी तिथि बाद में तय की जाएगी।

जलाभिषेक यात्रा का मार्ग और प्रक्रिया
जलाभिषेक यात्रा त्रिलोचन मंदिर से शुरू होगी, जहां त्रिविष्टक का जल लिया जाएगा। इसके बाद भक्त मणिकर्णिका तीर्थ पर पहुंचकर वहां का पवित्र जल एकत्र करेंगे। फिर यह यात्रा Kashi Vishwanath मंदिर की ओर प्रस्थान करेगी। मंदिर में ज्ञानवापी के आचमन और ज्ञान मंडप में संकल्प व पूजन के बाद बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाएगा। यह अभिषेक 17 नदियों (जैसे गंगा, यमुना, सिंधु, चिनाब, झेलम, मानसरोवर आदि), तीन सागरों, आठ तीर्थों और चार कूपों के जल से होगा, जो काशी की सनातन परंपराओं को और गौरवशाली बनाएगा।
यात्रा में शामिल होंगे प्रमुख तीर्थपुरोहित और विद्वान
इस Kashi Vishwanath जलाभिषेक यात्रा में कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी, जिनमें पं. प्रवीण उपाध्याय, महंत राजनाथ तिवारी, महंत विनय पांडेय, पं. नरेंद्र पांडेय, पं. विकास दुबे, सुमित उपाध्याय, महंत राकेश, पं. अवशेष पांडेय, तीर्थपुरोहित महासभा से पं. कन्हैया त्रिपाठी, जोशी ब्राह्मण सभा से पं. अमित पांडेय, शिवबारात समिति से दिलीप सिंह, वैदिक विद्वान वी. चंद्रशेखर द्राविड़, पं. सत्यनारायण मिश्र, गीतकार कन्हैया दुबे (केडी) और अमलेश शुक्ला शामिल हैं। इसके अलावा, बड़ी संख्या में काशीवासी भी इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनेंगे।
मंदिर के इतिहास में पहला अवसर
यह पहली बार है जब Kashi Vishwanath मंदिर में इतने व्यापक स्तर पर 17 नदियों, तीन सागर, आठ तीर्थ और चार कूप के जल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक होगा। सनातन रक्षक दल के इस प्रयास को काशी के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह आयोजन न केवल बाबा विश्वनाथ के प्रति भक्ति को दर्शाता है, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार के लिए भी एक प्रतीकात्मक संदेश देता है।
काशी में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
Kashi Vishwanath धाम में हाल के वर्षों में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, जनवरी 2025 में 65 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने गर्मी से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जैसे जर्मन हैंगर टेंट, मिस्ट फैन, कूलर और ओआरएस की व्यवस्था। सनातन रक्षक दल का यह जलाभिषेक आयोजन भी भक्तों की आस्था को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
