वाराणसी। जिला अस्पताल परिसर में 6 वर्ष पहले तैयार हुआ MRI सेंटर आज भी उपयोग में नहीं आ सका है। 96.81 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2019 में बना यह भवन अब जर्जर होने की कगार पर है। दीवारों पर सीलन, उखड़ा हुआ प्लास्टर और बंद ताले सरकारी दावों की हकीकत बयान कर रहे हैं।
MRI भवन का निर्माण मरीजों को बेहतर और सस्ती जांच सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन आज तक मशीन ही स्थापित नहीं की जा सकी। नतीजा यह है कि मरीजों को जांच के लिए निजी सेंटरों पर 5 हजार से 15 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
ग्रामीण और गरीब तबके के मरीज इस खर्च को वहन नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल जिले में सिर्फ BHU में MRI की सुविधा है, जहां लंबी प्रतीक्षा सूची की वजह से मरीजों को 20 से 25 दिन तक इंतजार करना पड़ता है।
गौरतलब है कि 12 जून 2018 को इस भवन की नींव रखी गई थी और मात्र नौ महीने में 12 मार्च 2019 को इसका निर्माण कार्य पूरा भी कर लिया गया था। इसके बावजूद छह साल बीतने के बाद भी MRI मशीन का न लगना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।