Varanasi : 11वें International Yoga Day के अवसर पर शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने ‘योग दर्शन: ज्ञान का अक्षय भंडार’ (Yoga Philosophy: An inexhaustible storehouse of knowledge) नामक पुस्तक का लोकार्पण किया। इस पुस्तक के संपादक प्रो. निरंजन सहाय और डॉ. अविनाश कुमार सिंह हैं, जबकि उज्ज्वल कुमार सिंह सह-संपादक हैं।

लोकार्पण समारोह में कुलपति प्रो. त्यागी ने कहा कि योग भारतीय सभ्यता की अमूल्य धरोहर है, जो केवल शारीरिक आसनों तक सीमित नहीं, बल्कि प्रकृति और आत्मा के बीच एक सेतु का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज जब मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य टूट रहा है, योग ही वह माध्यम है जो इस विभाजन को समाप्त कर संतुलन और सामंजस्य स्थापित कर सकता है। उन्होंने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा के एक अभिन्न अंग के रूप में प्रस्तुत करती है।

पुस्तक के प्रधान संपादक प्रो. निरंजन सहाय ने बताया कि यह पुस्तक योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक आयामों को उजागर करती है और इसे भारतीय दर्शन, प्रकृति और आत्मबोध के गहरे संदर्भ में प्रस्तुत करती है।

इस अवसर पर नोडल समन्वयक योग व छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार मिश्र, कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय, वित्त अधिकारी प्रो. सुधीर कुमार शुक्ल, कुलानुशासक प्रो. के.के. सिंह, निदेशक आउटरीच प्रो. संजय, एलुमनी सेल निदेशक प्रो. नलिनी श्याम कामिल, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक दीप्ति मिश्रा, उपकुलसचिव हरीश चंद्र, आनन्द कुमार मौर्य सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।