Varanasi: अध्यात्म और संस्कृति की नगरी काशी में आने वाले लाखों पर्यटकों के लिए अब गंगा घाटों तक पहुंचना और भी आसान और सुगम होने जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने आने वाले श्रद्धालुओं को अब आवागमन में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (UPPCL) की ओर से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से दशाश्वमेध घाट तक गंगा घाट पाथवे बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। सोमवार को यूपीपीसीएल की टीम ने गंगा घाट पर स्थलीय निरीक्षण करते हुए नापी भी कर ली है। इस योजना पर कुल 6.63 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
यह पाथवे साढ़े 4 मीटर चौड़ा होगा, जिसमें रेलिंग की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि श्रद्धालु और पर्यटक सुरक्षित और आरामदायक तरीके से घाटों के बीच आवागमन कर सकें। Varanasi घाटों का यह आपसी संपर्क अब तक न होने की वजह से पर्यटकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी और कई घाटों को देखने से वंचित रह जाते थे। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को ऊंची सीढ़ियों की वजह से काफी कठिनाई होती थी।
मंडलायुक्त ने योजना को दी गति
गंगा घाटों के बीच संपर्क मार्ग की योजना पिछले दो दशकों से लंबित थी। Varanasi मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने हाल ही में निरीक्षण कर इस दिशा में ठोस पहल की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर यूपीपीसीएल को निर्देश दिए कि पूर्व में तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को संशोधित कर कार्य योजना को आगे बढ़ाया जाए। अब नए सिरे से इस परियोजना पर अमल हो रहा है।
योजना के तहत होंगे ये प्रमुख कार्य:

- विभिन्न घाटों के बीच संपर्क मार्ग का निर्माण
- सीढ़ियों और मौजूदा सैरगाह का जीर्णोद्धार
- घाटों पर आरामगृह (छतरियां), बैठने की जगह और विक्रेता गाड़ियों के लिए प्लेटफॉर्म की मरम्मत
- घाटों के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने वाले पत्थर के खंभे और दिशात्मक साइनेज
- घाटों पर प्रकाश व्यवस्था और पौधारोपण
Varanasi के किन घाटों को जोड़ेगा यह पाथवे:
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर → ललिता घाट → मीर घाट → त्रिपुरा भैरवी घाट → मान मंदिर महल → राजेंद्र प्रसाद घाट → दशाश्वमेध घाट