Varanasi: हरदत्तपुर-चोलापुर से सारनाथ तक रिंग रेल लाइन, काशी में नई ट्रेनों के संचालन को मिलेगा बढ़ावा

Varanasi: धर्म-अध्यात्म और पर्यटन की नगरी काशी में रेल ट्रैफिक का दबाव जल्द कम होने की उम्मीद है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए 32 किलोमीटर लंबी रिंग रेल लाइन बिछाने का निर्णय लिया है। यह रेल लाइन हरदत्तपुर और सारनाथ रेलवे स्टेशन के बीच बनाई जाएगी।

इससे बनारस (मंडुआडीह), कैंट (वाराणसी जंक्शन) और Varanasi सिटी (अलईपुर) रेलवे स्टेशनों पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा, साथ ही नई ट्रेनों के संचालन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इस परियोजना के लिए रेलवे बोर्ड ने सर्वे शुरू करने हेतु 64 लाख रुपये का बजट भी जारी कर दिया है।

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नई ट्रेनों के लिए बनेगी गुंजाइश
बनारस, कैंट और Varanasi सिटी स्टेशनों पर रेल ट्रैफिक का भारी दबाव है। इन तीनों स्टेशनों से रोजाना 25 से अधिक यात्री ट्रेनें विभिन्न स्थानों के लिए रवाना होती हैं। यदि रन-थ्रू ट्रेनों और मालगाड़ियों को जोड़ा जाए, तो यह आंकड़ा करीब 300 के आसपास पहुंचता है। ट्रैक की व्यस्तता के कारण नई ट्रेनों के संचालन की गुंजाइश नहीं बन पाती। रिंग रेल लाइन के बनने से हरदत्तपुर सीधे सारनाथ से जुड़ जाएगा।

रेल प्रशासन इस नए रेलखंड के रास्ते प्रयागराज से आने वाली मालगाड़ियों और कम यात्री वाली ट्रेनों को सीधे गुजार सकेगा। इससे Varanasi के मुख्य स्टेशनों पर 30 से अधिक ट्रेनों का दबाव कम होगा, जिससे नई ट्रेनों के संचालन की संभावना बढ़ेगी।

रिंग रेल लाइन का रूट
नई रेल लाइन हरदत्तपुर स्टेशन से शुरू होकर रोहनिया, बाबतपुर और चोलापुर के रास्ते सारनाथ रेलवे स्टेशन से जुड़ेगी। यहां से यह मुख्य रेल लाइन के जरिए औड़िहार जंक्शन तक पहुंचेगी। इसके बाद जरूरत के अनुसार ट्रेनों को गाजीपुर-छपरा या मऊ-भटनी-गोरखपुर रेलखंड के रास्ते आगे भेजा जा सकेगा।

यह रिंग रेल लाइन खास तौर पर प्रयागराज से आने वाली ट्रेनों और मालगाड़ियों के लिए उपयोगी होगी। वर्तमान में ये ट्रेनें हरदत्तपुर-बनारस-कैंट-Varanasi सिटी के रास्ते सारनाथ पहुंचती हैं, जिसमें समय अधिक लगता है। इस नई रेल लाइन से समय की बचत होगी और रेल संचालन में सुगमता आएगी।

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