Sawan 2025 : भगवान शिव का सबसे प्रिय और पावन महीना श्रावण मास (Sawan 2025) इस साल 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। सावन के पवित्र महीने में शिवभक्त विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखते हैं। इस बार सावन में कुल चार सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार व्रत 14 जुलाई को होगा, जो कई दृष्टिकोण से खास है क्योंकि इस दिन 5 शुभ योगों का भी संयोग बन रहा है।

Sawan 2025 : क्यों रखते हैं सावन सोमवार का व्रत?
सावन सोमवार व्रत रखने से:
- अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है
- मनचाहा जीवनसाथी मिलता है
- रोग, दोष और ग्रह बाधाओं से मुक्ति मिलती है
- दांपत्य जीवन सुखमय होता है
पहला सावन सोमवार 2025 की तिथि और तिथि विशेषता
- तारीख: 14 जुलाई 2025
- तिथि: श्रावण कृष्ण पक्ष की चतुर्थी
- यह तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित मानी जाती है, जो शिव परिवार के प्रमुख सदस्य हैं और विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं।
पहला सावन सोमवार 2025: पूजा के प्रमुख मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि समाप्ति: रात 11:59 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:11 से 04:52 तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:55 तक
- निशिता काल मुहूर्त (रात की पूजा): रात 12:07 से 12:48 तक
जलाभिषेक का उत्तम समय
- सूर्योदय के बाद: सुबह 5:33 बजे से दोपहर तक
- सावन में दिनभर जल चढ़ाया जा सकता है, लेकिन शाम को जलाभिषेक से बचना चाहिए।
पहले सावन सोमवार पर बन रहे 5 शुभ योग
- आयुष्मान योग (प्रातः से शाम 4:14 बजे तक):
यह योग दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस योग में की गई पूजा विशेष फलदायी होती है। - सौभाग्य योग (शाम 4:14 बजे के बाद):
विवाहित महिलाएं इस योग में अखंड सौभाग्य की कामना से शिव-शक्ति की पूजा करती हैं। - धनिष्ठा नक्षत्र (सुबह 6:49 तक):
धन वृद्धि और समृद्धि के लिए उत्तम नक्षत्र माना जाता है। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू होगा, जो ध्यान और साधना के लिए श्रेष्ठ होता है। - गजानन संकष्टी चतुर्थी:
गणेश जी की विशेष पूजा का दिन है। शिव के साथ गणेश की पूजा करने से विघ्न दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। - रुद्राभिषेक के लिए उत्तम दिन:
सावन के सोमवार को रुद्राभिषेक विशेष फलदायी माना गया है। 14 जुलाई को शिव का वास कैलाश पर रहेगा, जिससे रुद्राभिषेक का पुण्य कई गुना बढ़ जाएगा।