Homeopathy Medical Store Licenses: होम्योपैथी विभाग के निदेशक प्रो. ए.के. वर्मा के निलंबन के बाद उनके कार्यकाल में जारी किए गए Medical Store Licenses की जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए संबंधित दस्तावेजों को जुटाया जा रहा है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी किसी चिकित्साधिकारी को निदेशक पद का चार्ज नहीं दिया जा सका।
प्रदेश में 20,000 से अधिक Homeopathy Medical Store Licenses वर्तमान में संचालित हैं। जिन मंडलों में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) नहीं हैं, वहां निदेशालय से ही लाइसेंस जारी किए जाते रहे हैं। प्रो. वर्मा के कार्यकाल में भी कई जिलों में ऐसे ही लाइसेंस जारी हुए। अब उनके निलंबन के बाद इन सभी लाइसेंसों की गहन जांच की जा रही है। आयुष महानिदेशालय ने Directorate से संबंधित फाइलें मांगी हैं।
जांच में जिन Homeopathy Medical Store Licenses की पत्रावलियों में गड़बड़ी मिलेगी, उन्हें निरस्त किया जाएगा। यह कार्रवाई पारदर्शिता लाने और अनियमितताओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की जा रही है।
Doctor Attachments की भी होगी जांच
तबादला प्रक्रिया रद्द होने के बाद कई डॉक्टरों को बिना स्पष्ट कारणों के अन्य जिलों में संबद्ध कर दिया गया था। अब इन Homeopathy Doctor Attachments की भी जांच होगी। यदि किसी संबद्धता में नियमों का उल्लंघन या उचित कारण नहीं पाया गया, तो उसे तत्काल निरस्त किया जाएगा। विभाग में इसको लेकर खलबली मची है।
Homeopathy Doctor Attendance पर भी सख्तीआयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने सभी डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वे समय पर अस्पताल पहुंचें और डिजिटल हाजिरी अनिवार्य रूप से लगाएं। यदि कोई Doctor Attendance में लापरवाही बरतता है या डिस्पेंसरी से अनुपस्थित पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिलों के Homeopathy Officers को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र की डिस्पेंसरियों की औचक जांच करें। यदि गोपनीय निरीक्षण में कोई डॉक्टर अनुपस्थित मिलता है, तो संबंधित अधिकारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी।