Varanasi CDO : खरीफ 2025 से पहले सीडीओ की बड़ी तैयारी, उर्वरक वितरण पर सख्त निगरानी के निर्देश

Varanasi : खरीफ सीजन 2025 की तैयारी के तहत वाराणसी में सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी (CDO) हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुई, जिसमें जिले के कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और उर्वरक आपूर्ति से जुड़ी संस्थाओं के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य किसानों को समय पर उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना और वितरण प्रणाली की पारदर्शिता बढ़ाना था।

CDO हिमांशु नागपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद की सभी सहकारी समितियां रोस्टर के अनुसार समय पर खोली जाएं और उनमें कम से कम 10 मीट्रिक टन उर्वरक का स्टॉक अनिवार्य रूप से मौजूद हो। उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं समितियों को उर्वरक की आपूर्ति की जाए जिनके पास पर्याप्त अवशेष हो और जिनके द्वारा निर्धारित खाते में धनराशि समय से जमा कर दी गई हो। निजी क्षेत्र की उर्वरक विनिर्माता कंपनियों से मिलने वाले उर्वरकों की खरीद के लिए भी समितियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया।

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CDO ने संबंधित सहायक विकास अधिकारी सहकारिता को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिदिन भ्रमणशील रहें। यदि किसी क्षेत्र में उर्वरकों की उपलब्धता या वितरण में कोई बाधा आती है, तो संबंधित सचिव, बैंक, पीसीएफ या इफको अधिकारियों से समन्वय बनाकर तत्काल समस्या का समाधान करें और रियल टाइम एक्नॉलेजमेंट दर्ज कराएं। यदि किसी समिति पर यूरिया या डीएपी उपलब्ध नहीं है और acknowledgment पेंडिंग है, तो इसकी जिम्मेदारी क्षेत्रीय अधिकारी की मानी जाएगी।

इसके अतिरिक्त, CDO ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के सभी विक्रय केंद्रों पर रेट बोर्ड और स्टॉक बोर्ड अद्यतन स्थिति में लगे होने चाहिए और किसी भी स्थिति में निर्धारित दर से अधिक कीमत पर उर्वरक की बिक्री नहीं होनी चाहिए। सभी किसानों को पीओएस मशीन से उर्वरक उपलब्ध कराना और उसकी रसीद देना अनिवार्य किया गया है।

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CDO ने यह भी स्पष्ट किया कि उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की जबरन टैगिंग, ओवर रेटिंग या कालाबाजारी के किसी भी मामले पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि किसी भी प्रकार की अनियमितता की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री प्रणाम योजना को भी बढ़ावा देने की बात कही गई। किसानों से अपील की गई कि वे रासायनिक उर्वरकों का विवेकपूर्ण उपयोग करें और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए गोबर खाद, कंपोस्ट खाद और हरी खाद जैसे वैकल्पिक जैविक उर्वरकों का प्रयोग करें। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

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CDO ने अंत में यह भी स्पष्ट किया कि जनपद में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है और सभी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी और अन्य उर्वरक उपलब्ध हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासन किसानों की हर आवश्यकता और समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करेगा।

बैठक में उप कृषि निदेशक अमित जयसवाल, जिला कृषि अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, जिला प्रबंधक पीसीएफ, क्षेत्र प्रबंधक इफको, जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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