Ganga Flood: गंगा खतरे के निशान के करीब, काशी में बाढ़ का संकट गहराया — मणिकर्णिका घाट तक पहुंचा पानी, शवदाह में बाधा

Varanasi : गंगा नदी का जलस्तर (Ganga Flood) लगातार बढ़ता जा रहा है और शनिवार सुबह 8 बजे यह 70.87 मीटर पर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिंदु (70.26 मीटर) से 61 सेंटीमीटर ऊपर है और खतरे के निशान (71.26 मीटर) से सिर्फ 39 सेंटीमीटर नीचे। जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी ने घाटों के साथ-साथ तटीय कॉलोनियों को भी जलमग्न करना शुरू कर दिया है।

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पिछले तीन दिनों से Ganga का स्तर प्रति घंटे औसतन चार सेंटीमीटर की गति से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यदि यह क्रम जारी रहा, तो Ganga का जलस्तर 1978 के रिकॉर्ड 73.9 मीटर को पार कर सकता है। वर्तमान में 15 गांव और शहर के 10 मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि 436 परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं।

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जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चलने लगी हैं। बाबा मसाननाथ सेवा समिति के संजय गुप्ता के अनुसार, जलभराव के चलते शवदाह में 30-40 मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है। घाट के सभी मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में भी जगह की कमी महसूस होने लगी है।

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जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ, जल पुलिस और केंद्रीय जल आयोग की मदद से लगातार निगरानी शुरू कर दी है। बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना की जा रही है और नौका संचालन पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने और तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों की ओर हटने की अपील की है।

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गंगा और वरुणा के संगम से जुड़े क्षेत्रों में पलट प्रवाह के चलते दीनदयालपुर, पैगंबरपुर, पुलकोहना, पुराना पुल, रूप्पनपुर, सलारपुर जैसी तटीय बस्तियों की हालत चिंताजनक हो गई है।

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