Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को एक दर्दनाक प्राकृतिक त्रासदी घटी (Uttarkashi Cloudburst) , जब गंगोत्री धाम के पास हर्षिल क्षेत्र में बादल फट गया। इस घटना से गांव में भारी तबाही मची है। ऊपर से आए मलबे, तेज बहाव और चट्टानों ने खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा दिया, जिससे गांव के कई घर और दुकानें पूरी तरह बह गए।
अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है, जबकि करीब 12 लोग मलबे में दबे होने की आशंका है। इसके अलावा 50 से 60 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार की ओर से इस आपदा पर गहरा शोक जताया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आपदा की जानकारी दी गई है।
Uttarkashi Cloudburst : रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी
आपदा राहत कार्य में NDRF की 4 टीमें, SDRF, पुलिस और सेना के जवान जुटे हुए हैं। धराली गांव के पास आर्मी कैंप होने के कारण सेना के जवान 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए। सेना के करीब 150 जवान मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित निकालने में लगे हैं। चारधाम यात्रा के रूट पर होने के कारण इस क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की आवाजाही को फिलहाल रोक दिया गया है।
गंगोत्री धाम का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, और यमुनोत्री हाईवे भी कई जगह बाधित हो गया है। उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य खुद मौके की निगरानी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दे रहे हैं।
पहले ही जारी हुई थी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने पहले ही उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। प्रशासन ने नदियों और नालों से दूर रहने की सलाह दी थी। धराली गांव की यह घटना भी उस चेतावनी का दुखद प्रमाण बन गई है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान बादल फटने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। 2021 में मांडो गांव और 2022 में देहरादून, टिहरी व पौड़ी में इसी तरह की घटनाएं दर्ज की गई थीं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन और असंतुलित मानसून की वजह से इन आपदाओं की संख्या बढ़ रही है।