नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के दूसरे चरण को लागू करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश मंगलवार (22 अक्टूबर) से सुबह 8 बजे से प्रभावी होगा। इसके तहत वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए विशेष कार्रवाई की जाएगी।
जीआरएपी स्टेज-2 के दौरान, लोगों से सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करने और निजी वाहनों के उपयोग को कम करने की अपील की गई है। इसके अलावा, अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच धूल उत्पन्न करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचने का निर्देश दिया गया है। सॉलिड वेस्ट और बायोमास कचरे को खुले में जलाने से भी रोकने की सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, लोगों को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है। दिल्ली-एनसीआर में सड़कों की वैक्यूम सफाई और निगरानी सुनिश्चित करने का भी उल्लेख किया गया है। एयर फिल्टर को नियमित अंतराल पर बदलने के लिए कहा गया है, और निर्बाध बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित करने की बात की गई है।
ट्रैफिक के उचित संचालन के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है। वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्रों, रेडियो आदि के माध्यम से लोगों को अलर्ट करने की बात कही गई है। निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क में वृद्धि का सुझाव भी दिया गया है, साथ ही सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाने की बात कही गई है।
दिल्ली में 21 अक्टूबर को प्रदूषण स्तर का हाल बताते हुए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 307 पर पहुंच गया, जिससे यह मौसम में पहली बार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आया। आनंद विहार सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां AQI 361 दर्ज किया गया। सोमवार को शहर का न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत तापमान से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
