नई दिल्ली I एयर इंडिया के साथ विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद विस्तारा एयरलाइन के विमान सोमवार को आखिरी बार उड़ान भरेंगे। एयर इंडिया ने घोषणा की है कि विस्तारा जैसी सेवा और उत्पाद का अनुभव यात्रियों को आगे भी मिलता रहेगा। इस बदलाव में यात्रियों की मदद के लिए हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क कियोस्क लगाए जाएंगे।
विस्तारा का विलय और प्रभाव
विस्तारा सोमवार को अपनी आखिरी उड़ान के बाद मंगलवार से एयर इंडिया समूह का हिस्सा बन जाएगी। इस विलय के बाद भारत में फुल सर्विस एयरलाइन की संख्या घटकर एक ही रह जाएगी। विस्तारा का संचालन टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उद्यम के रूप में हो रहा था और अब एयर इंडिया के साथ विलय के बाद भी सिंगापुर एयरलाइंस की 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी नई इकाई में बनी रहेगी।
विलय के पहले महीने में विस्तारा की टिकट वाले 1,15,000 से अधिक यात्री एयर इंडिया के नाम से यात्रा करेंगे। एयर इंडिया ने भरोसा दिया है कि विस्तारा की सेवा का अनुभव नहीं बदलेगा। विस्तारा के फ्लाइट कोड में बदलाव किया जाएगा, जिसमें कोड के आगे ‘2’ जोड़ा जाएगा, जैसे कि UK 955 फ्लाइट अब AI 2955 हो जाएगी।
विस्तारा की स्थापना और सफलता
वर्ष 2012 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में विदेशी एयरलाइनों को घरेलू एयरलाइन में हिस्सेदारी का मौका मिलने के बाद विस्तारा एयरलाइन का जन्म हुआ। जनवरी 2015 में इसने परिचालन शुरू किया और धीरे-धीरे भारत में एक प्रमुख फुल सर्विस एयरलाइन बन गई। पिछले कुछ वर्षों में जेट एयरवेज, किंगफिशर और एयर सहारा जैसी एयरलाइन्स को वित्तीय समस्याओं के कारण बंद करना पड़ा है और अब विस्तारा के विलय के साथ ही फुल सर्विस एयरलाइन का एक नया स्वरूप एयर इंडिया के रूप में सामने आया है।