नई दिल्ली I कनाडा द्वारा फास्ट-ट्रैक स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDM) वीजा कार्यक्रम को समाप्त करने के निर्णय से भारतीय छात्र गहरी चिंता में हैं। यह कार्यक्रम पात्र छात्रों को तेजी से अध्ययन परमिट हासिल करने में मदद करता था, जो कनाडा में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प था। कनाडा के इस कदम ने उन छात्रों के शैक्षणिक और करियर के सपनों पर असर डाला है, जो वहां उच्च शिक्षा के लिए जाना चाहते हैं।
छात्रों ने जताई चिंता
चंडीगढ़ की एक छात्रा, जो कनाडा में पढ़ाई की योजना बना रही थी, उन्होने कहा कि वह लंबे समय से इस अवसर के लिए तैयारियां कर रही थी। उसने इसे “राजनीतिक हस्तक्षेप” का नतीजा बताया और कहा कि इस तरह वीजा रोकना गलत है, क्योंकि इससे छात्रों के करियर और सपनों को नुकसान पहुंचता है।
वीजा काउंसलर राहुल अरोड़ा ने भी इस निर्णय को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे छात्रों की महत्वाकांक्षाओं और सपनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के सालों से संजोए गए सपने इससे प्रभावित होंगे और यह निर्णय दोनों देशों के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है।
2018 में शुरू हुआ था एसडीएस
एसडीएस को 2018 में शुरू किया गया था, जिससे भारत, चीन, पाकिस्तान, ब्राजील और अन्य देशों के छात्रों को तेज प्रक्रिया का लाभ मिल रहा था। हाल ही में इसे समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जिससे कई छात्रों के भविष्य पर असर पड़ा है।
निष्पक्षता की बात कह रही है कनाडा की सरकार
कनाडा की सरकार ने इस निर्णय को “सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को समान और निष्पक्ष अवसर प्रदान करने के प्रयास” का हिस्सा बताया है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने कहा कि उनका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शैक्षिक अनुभव प्रदान करना और कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करना है।