लखनऊ I पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड अधिकारी कमलकांत मिश्रा को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट में फंसा कर 19.50 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने खुद को मुंबई पुलिसकर्मी बताते हुए उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए रकम ट्रांसफर करने पर मजबूर किया। इस मामले में पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है।
ठाकुरगंज निवासी कमलकांत मिश्रा के अनुसार, 6 नवंबर को उन्हें एक अनजान कॉल आई। फोनकर्ता ने खुद को मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाने का पुलिसकर्मी बताया और उनके आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग की रकम डालने का आरोप लगाया। ठगों ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट जारी होने की धमकी दी और डिजिटल अरेस्ट में रखते हुए उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर रकम ट्रांसफर करवा ली।
आरोपियों ने कहा कि जांच पूरी होने तक किसी से बात न करें और अपनी जमा रकम उनके खातों में ट्रांसफर कर दें। डरे हुए कमलकांत ने पहले 17.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए। बाद में बेल अमाउंट और अन्य कारणों से उनसे 1.50 लाख रुपये और वसूले गए। ठगों ने वीडियो कॉल और व्हाट्सएप चैट के जरिए कमलकांत को छह दिनों तक अपनी निगरानी में रखा। उन्होंने जांच पूरी होने तक गोपनीयता बनाए रखने की बात कही।
ठगी का एहसास होने पर कमलकांत ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ठगों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। इस घटना ने ऑनलाइन ठगी के बढ़ते खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अनजान कॉल्स पर विश्वास न करें और किसी भी संवेदनशील जानकारी को साझा करने से बचें।