वाराणसी। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के अध्यक्ष गोपाल राय ने देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की मांग करते हुए मदरसा बोर्ड, ईसाई मिशनरी स्कूलों, आईसीएसई, सीबीएसई और राज्य शिक्षा बोर्डों की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने अखिल भारतीय गुरुकुल परिषद की स्थापना कर गुरुकुल आधारित शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने की जरूरत पर जोर दिया है।
संस्कृति और परंपराओं को बचाने का तर्क
गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और नैतिक मूल्यों को कमजोर कर रही है। विदेशी शिक्षा प्रणाली का प्रभाव खत्म कर गुरुकुल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है।
धार्मिक असंतुलन का आरोप
उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड और ईसाई मिशनरी स्कूलों के माध्यम से समाज में धार्मिक असंतुलन और धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए इन संस्थानों की मान्यता रद्द कर भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड पर निशाना
राय ने यह भी कहा कि आईसीएसई, सीबीएसई, और राज्य शिक्षा बोर्ड भारतीय शिक्षा प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों के बजाय पाश्चात्य प्रभाव को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने इसे देश की संस्कृति के लिए हानिकारक बताते हुए इन बोर्डों की मान्यता समाप्त करने की मांग की।
अखिल भारतीय गुरुकुल परिषद का विजन
गोपाल राय ने सुझाव दिया कि गुरुकुल आधारित शिक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए अखिल भारतीय गुरुकुल परिषद का गठन किया जाना चाहिए, जो छात्रों को भारतीय परंपराओं और नैतिक मूल्यों के साथ-साथ आधुनिक विषयों में भी शिक्षा प्रदान करे।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
यह बयान देश की शिक्षा प्रणाली को लेकर एक नई बहस को जन्म दे सकता है। अब देखना होगा कि इस पर सरकार और अन्य संगठनों की प्रतिक्रिया क्या रहती है।