वाराणसी। प्रधानमंत्री द्वारा देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य के तहत टीबी मुक्त पंचायत और फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम ( TB Free Panchayat and Family Caregiver Program ) का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर क्षय रोग (टीबी) को जड़ से खत्म करना है। इसके लिए जनपद के सभी एचईओ और एसटीएस को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो 21 नवंबर से ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधान और सचिवों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए पंचायत की प्रारंभिक बैठक, दावे का सत्यापन और जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा जांच शामिल है। सफल दावों के बाद पंचायत को मान्यता दी जाएगी।
- पहला वर्ष: टीबी मुक्त पंचायत को ब्रॉन्ज रंग की महात्मा गांधी प्रतिमा।
- दूसरा वर्ष: सिल्वर रंग की प्रतिमा।
- तीसरा वर्ष: गोल्ड रंग की महात्मा गांधी प्रतिमा और प्रमाण पत्र।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि अब तक 46 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं। प्रशिक्षण सत्र हरहुआ, पुवारीकला, केसरीपुर, मिसिरपुर और बड़ागांव में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए।
टीबी मुक्त पंचायत की शर्तें :-
- ग्राम पंचायत में प्रति 1,000 की आबादी पर कम से कम 30 संभावित टीबी मरीजों की जांच।
- 1,000 की आबादी पर एक या उससे कम टीबी मरीज होना चाहिए।
- मरीज की यूडीएसटी, निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी भुगतान और निक्षय मित्र द्वारा पोषण पोटली प्रदान करना।
