संभल हिंसा पर महबूबा मुफ्ती और शशि थरूर का बयान, पूर्व CJI और सर्वे पर उठाए सवाल

संभल जामा मस्जिद I संभल के जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा को लेकर सियासी बवाल मच गया है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को संभल की निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित कोई आदेश न दे। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित शहर में शांति और सद्भाव बनाए रखने का आदेश दिया गया।

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कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसका जिम्मेदार पूर्व चीफ जस्टिस हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 1991 के निर्णय के बावजूद, पूर्व CJI के फैसले ने मस्जिदों में सर्वे की अनुमति दी, जिससे धार्मिक असमंजस पैदा हुआ है। महबूबा ने यह भी कहा कि अब मुसलमानों के घरों में भी मंदिर ढूंढने की कोशिश की जा रही है, जो देश के लिए हानिकारक हो सकता है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देश की सामाजिक सोच को खराब करने वाला विषय है। उन्होंने ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के मामलों पर निर्णय लेने की बात की।

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