नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने सोमवार को बताया कि भारत अगले महीने 26 राफेल लड़ाकू विमानों के नौसैनिक संस्करण और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकता है। ये विमानों का इस्तेमाल मुख्य रूप से स्वदेशी विमानवाहक पोत INS Vikrant पर तैनाती के लिए किया जाएगा।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि राफेल मरीन परियोजना पर बातचीत अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के पास भेजा जाएगा। साथ ही, दो एसएसएन (परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों) के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है, जिनमें से पहला 2036-37 तक तैयार हो जाएगा।उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना चीन और पाकिस्तान की नौसैनिक गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए है। पाकिस्तान की नौसेना को चीन द्वारा दी जा रही सहायता के बारे में उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान को सैन्य रूप से मजबूत करने में रुचि रखता है, और उनके सहयोग से पाकिस्तान कई युद्धपोत और पनडुब्बियां बना रहा है।
पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी नई आठ पनडुब्बियां महत्वपूर्ण लड़ाकू क्षमताएं प्रदान करेंगी, लेकिन भारतीय नौसेना इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि हम सभी संभावित खतरों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं में सुधार कर रहे हैं।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना वर्तमान में 62 जहाजों और एक पनडुब्बी का निर्माण कर रही है। अगले वर्ष कई नए जहाज नौसेना में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए अपने प्रयास तेज कर रहे हैं।
