डेलावेयर कोर्ट ने एलन मस्क के 55 अरब डॉलर के वेतन पैकेज को फिर किया खारिज

डेलावेयर कोर्ट की चांसलर कैथलीन मैक्कॉर्मिक ने एक बार फिर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को झटका दिया है। अदालत ने मस्क को दिए गए 55 अरब डॉलर के भारी-भरकम वेतन पैकेज को अस्वीकार करने के अपने जनवरी के फैसले में बदलाव करने से इनकार कर दिया। जज ने कहा कि कंपनी के हितधारकों के समर्थन के बावजूद यह पैकेज अत्यधिक है और हितधारकों के लिए उचित नहीं है।

जज मैक्कॉर्मिक ने अपने फैसले में कहा, “टेस्ला ने वेतन पैकेज को सही ठहराने के लिए जो दस्तावेज पेश किए, उनमें कई खामियां हैं।” अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी के वकीलों के तर्क स्थापित कानूनों के खिलाफ हैं, इसलिए वेतन पैकेज में किसी भी संशोधन को खारिज कर दिया गया है।

मस्क ने फैसले पर जताई निराशा

एलन मस्क ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ अपील करेंगे। मस्क ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कंपनियों को शेयरधारकों के वोटों से संचालित होना चाहिए, न कि जजों द्वारा।”

शेयरधारकों का समर्थन लेकिन सवाल बरकरार

टेस्ला के 72 प्रतिशत शेयरधारकों ने मस्क के भारी वेतन पैकेज का समर्थन किया था। हालांकि, टेस्ला के एक शेयरधारक रिचर्ड टॉर्नेटा ने अदालत में दावा किया कि मस्क ने निदेशकों को प्रभावित कर अपना वेतन तय करवाया। जनवरी में कोर्ट ने मस्क के वेतन को अस्वीकार करते हुए कहा था कि टेस्ला यह साबित करने में असफल रही कि इतना बड़ा वेतन उचित है।

डेलावेयर कोर्ट का ऐतिहासिक महत्व

डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी अमेरिकी कॉरपोरेट मामलों में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। लगभग दो-तिहाई फॉर्च्यून 500 कंपनियां इसके अधिकार क्षेत्र में पंजीकृत हैं। अदालत के इस फैसले ने एक बार फिर कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वेतन-निर्धारण प्रक्रिया में पारदर्शिता के महत्व को रेखांकित किया है।

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