वाराणसी I बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार रात को ढाका में स्थित इस्कॉन नमहट्टा मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमला किया। पहले मंदिर में तोड़फोड़ की गई, फिर देवताओं की मूर्तियों में आग लगा दी गई। इस हमले में लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां जल गईं और मंदिर में रखा बाकी सामान भी आग में नष्ट हो गया।
बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्व लगातार हिंदू समुदाय को निशाना बना रहे हैं। इस हमले के बाद हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जो मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में है, मूकदर्शक बनी हुई है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बढ़ी हिंसा
बांग्लादेश में हिंसा की यह घटनाएं तब और बढ़ गईं जब चिन्मय कृष्ण दास, जो इस्कॉन से जुड़े थे उनको देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर को ढाका में गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी एक स्थानीय राजनेता की शिकायत पर की गई थी, जिसमें आरोप था कि चिन्मय दास और अन्य ने हिंदू समुदाय की रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था।
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और हिंदू मंदिरों पर हमले के खिलाफ भारत में विरोध तेज हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन तैनात करने की मांग की है।
