वाराणसी I वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज को PHD की मान्यता मिलने के बाद अब कॉलेज प्रशासन ने सत्र 2024-25 से PHD की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है। प्राचार्य डॉ. डीके सिंह ने बताया कि कॉलेज को 200 सीटों पर PHD के लिए एडमिशन की अनुमति मिली है। इसके लिए जनवरी में एक कोर कमेटी गठित की जाएगी, जो सभी विषयों में सीटों का निर्धारण करेगी।
UGC नियमों के तहत होगी प्रक्रिया
डॉ. सिंह ने बताया कि UGC के नियमों के अनुसार, एक प्रोफेसर को 8, एसोसिएट प्रोफेसर को 6 और असिस्टेंट प्रोफेसर को 4 शोधार्थी दिए जाएंगे। सभी शोधार्थी अपने सुपरवाइजर की देखरेख में शोधकार्य पूरा करेंगे। कॉलेज में पहले से ही अनुभवी शोध सुपरवाइजर मौजूद हैं।
शोध की व्यापक सुविधाएं उपलब्ध
उदय प्रताप कॉलेज की सभी पांचों फैकल्टी में शोध की सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। हिंदी, प्राचीन इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, वाणिज्य, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, पशुपालन और कृषि विज्ञान जैसे विषयों में शिक्षक पहले से ही PHD कराते आ रहे हैं।
काशी विद्यापीठ से मिली स्वायत्तता
अब तक काशी विद्यापीठ द्वारा शोध सुपरवाइजर नामित किए जाते थे, लेकिन अब यह कार्य सीधे महाविद्यालय स्तर पर किया जाएगा। प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज पहले से रजिस्टर्ड शोधार्थियों का डाटा तैयार कर रहा है। नए शोधार्थियों को एडमिशन प्रक्रिया के तहत सीटें दी जाएंगी। प्रारंभिक सत्र 2024-25 से शुरू होकर 2032-33 तक चलेगा। इस पहल से उदय प्रताप कॉलेज में शोध और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की शुरुआत होगी।