प्रयागराज I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम महाकुंभ की सफलता के लिए कुंभ कलश का पूजन किया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ एकता का महाकुंभ है, जो दुनिया को एकता का संदेश देगा। यह महाकुंभ देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा का जीवंत प्रतीक है।
संगम की भूमि को किया प्रणाम
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत संगम की पवित्र भूमि को प्रणाम करते हुए की। उन्होंने यहां काम कर रहे कर्मचारियों और सफाईकर्मियों का अभिनंदन किया और कहा कि यह आयोजन हर साल धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम बनता है।
महाकुंभ में स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि इस बार 15 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी महाकुंभ की स्वच्छता का ध्यान रखेंगे। उन्होंने महाकुंभ की तैयारी में लगे सफाईकर्मियों का आभार व्यक्त किया और नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रयागराज के सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया गया है।
महाकुंभ: एकता का महायज्ञ
पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ केवल तीन पवित्र नदियों का संगम नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है। यहां आने वाला हर व्यक्ति एकता का प्रतीक बनता है और महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जिसमें हर भेदभाव की आहुति दी जाती है।
महाकुंभ के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ 2025 के लिए बुनियादी ढांचे की 10 नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें 10 नए रोड ओवर ब्रिज, फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़कें शामिल हैं, जो प्रयागराज की निर्बाध कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करेंगे।