नई दिल्ली I भारत और चीन के बीच सीमा से जुड़े मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता (SR संवाद) बुधवार को बीजिंग में होगी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल करेंगे, जबकि चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी वार्ता में शामिल होंगे। यह वार्ता करीब पांच साल के अंतराल के बाद हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक, NSA अजीत डोभाल मंगलवार को बीजिंग की यात्रा पर रवाना होंगे। इससे पहले दिसंबर 2019 में नई दिल्ली में आखिरी SR संवाद हुआ था। इस बार की वार्ता के आयोजन का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान (रूस) में हुई बैठक के दौरान लिया गया था।
नई वार्ता से समाधान की उम्मीद
विशेष प्रतिनिधि वार्ता की बहाली ऐसे समय में हो रही है जब देपसांग और देमचोक में सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत के नए दौर की संभावना जताई जा रही है।
पिछले विवाद और गतिरोध का संदर्भ
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच मई 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था। इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के चलते संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, हाल ही में 21 अक्तूबर को सैनिकों की वापसी के समझौते को अंतिम रूप दिया गया, जिसके बाद कजान में मोदी-शी जिनपिंग बैठक में वार्ता तंत्रों की बहाली पर सहमति बनी।
वार्ता के लिए बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता सीमा विवाद सुलझाने और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस वार्ता से पूर्वी लद्दाख विवाद पर सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई जा रही है।