नई दिल्ली I संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार (17 दिसंबर 2024) का दिन दोनों सदनों की कार्यवाही के लिए अहम रहा। लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) विधेयक पेश किया, जबकि राज्यसभा में संविधान पर बहस जारी है।
क्या है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’?
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मतलब देश में विधानसभा, लोकसभा, पंचायत और निकाय चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। फिलहाल, भारत में ये चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार लंबे समय से इस प्रणाली को लागू करने के पक्ष में रही है।
विधेयक का इतिहास
केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया कि एक साथ चुनाव कराने से चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव आ सकते हैं और इससे प्रशासनिक लागत कम होगी।
समिति के प्रमुख सदस्य
समिति में गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल थे। इसके अलावा, कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. नितेन चंद्रा विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर समिति का हिस्सा रहे।
सरकार का पक्ष
सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव होने से समय और संसाधनों की बचत होगी। हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला बताया है।