अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर दुनिया भारत को सलाह देने से पहले खुद की स्थिति देखे: भागवत

नई दिल्ली I राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत के बिना विश्व में शांति स्थापित करना संभव नहीं है। उन्होंने अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भारत को सलाह देने वाले देशों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब हमें अन्य देशों में अल्पसंख्यकों की स्थिति देखनी चाहिए।

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अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर बयान:
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में शांति की बातें की जा रही हैं, लेकिन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहे। उन्होंने कहा कि अन्य देशों में अल्पसंख्यक समुदायों को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वह भी अब दिखने लगा है।

‘मानव धर्म है सभी धर्मों का मूल’:
भागवत ने कहा कि मनुष्य का धर्म सभी धर्मों का मूल है, जिसे विश्व धर्म या हिंदू धर्म कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसे भुलाने की वजह से पर्यावरण और अन्य समस्याएं खड़ी हो रही हैं। RSS प्रमुख ने कहा कि पिछले 3,000 वर्षों से भारत ने विश्व को ज्ञान और शांति का मार्ग दिखाया है। भारत का यह कर्तव्य है कि वह दुनिया को शांति की दिशा में मार्गदर्शन करे।

एकनाथ शिंदे का बयान:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर में RSS के संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार की स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संघ के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि संघ से सीखना चाहिए कि बिना किसी स्वार्थ और उम्मीद के काम कैसे किया जाता है।

संघ और शिवसेना की विचारधारा
शिंदे ने कहा कि संघ और शिवसेना की विचारधारा एक जैसी है और संघ की शिक्षा समाज को जोड़ने की होती है, न कि बांटने की। उन्होंने बताया कि वह बचपन से संघ परिवार से जुड़े हुए हैं और संघ की शाखाओं से प्रेरणा लेकर समाज सेवा के क्षेत्र में आए। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, परिषद की उपसभापति नीलम गोरे और सत्ताधारी दलों के अन्य विधायकों ने भी संघ के कार्यों की प्रशंसा की और स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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