अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन किए। इसके बाद वे धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने के लिए अशर्फी भवन पहुंचे, जहां उन्होंने मंडप में आयोजित पंच नारायण महायज्ञ में आहुति अर्पित की।
CM योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि श्रीहरि की कृपा से सृष्टि का संचालन हो रहा है और अयोध्या धाम त्रेतायुग की अवधारणा को जीवित रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म को सुरक्षित रखना विश्व मानवता को बचाने का रास्ता है। CM ने यह भी कहा कि भारत की परंपरा इष्ट देवों, धर्म स्थलों, और मान बिंदुओं से जुड़ी हुई है। उनका कहना था कि इन मूल्यों को याद कर ही भारत आगे बढ़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब एक विकसित राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ रहा है।
योगी ने कहा कि सनातन धर्म में वसुदेव कुटुंबकम की बात की गई है, जो दुनिया के हर जाति, मत, मजहब और संप्रदाय के लोगों को शरण देने का संदेश देता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कई मंदिरों को नष्ट और अपवित्र किया गया था, लेकिन उन सभी के कुल वंश नष्ट हो गए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अशर्फी भवन सैकड़ों वर्षों से अपनी परंपरा के लिए जाना जाता है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन की सफलता को यज्ञ की संज्ञा दी और कहा कि पांच फरवरी 2020 को पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर की आधारशिला रखी गई, और अब 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।
इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरयू अतिथि गृह पहुंचे, जहां उन्होंने समीक्षा बैठक की। इस बैठक में महाकुंभ, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वर्षगांठ महोत्सव और मिल्कीपुर उपचुनाव के मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, खाद्य रसद मंत्री सतीश शर्मा, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर और खेलकूद मंत्री गिरीश यादव भी मौजूद थे।