इंदौर। काशी के पाणिनी कन्या महाविद्यालय की पूर्व छात्रा और नेपाल की मूल निवासी सुश्री धृति घिमिरे की पुस्तक राष्ट्रोत्थान में आर्य नारियों का योगदान का विमोचन पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ, मथुरा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी में किया गया। इस अवसर पर उन्हें प्रतिष्ठित विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
धृति घिमिरे ने अपनी पुस्तक में आर्य नारियों के सामाजिक, सांस्कृतिक, और राष्ट्रीय योगदान पर विस्तार से चर्चा की है। यह पुस्तक चेन्नई स्थित नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई है। अपनी शिक्षा के लिए भारत आईं धृति ने पाणिनी कन्या महाविद्यालय, काशी से अध्ययन किया और वर्तमान में लखनऊ के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से शिक्षा शास्त्री की पढ़ाई कर रही हैं। पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह ने साहित्यिक और सांस्कृतिक विमर्श को एक नई दिशा दी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय देवेंद्र कुमार जैन, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल थे। विशिष्ट अतिथियों में विष्णुकांत कनकने, तकनीकी प्रदेश प्रभारी, मुख्यमंत्री उदय योजना और डॉ. उमाशंकर नगायच, सचिव, मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग, शामिल थे। अध्यक्षता डॉ. इंदु भूषण मिश्रा, कुलपति, पं. दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ ने की। सुप्रसिद्ध कथा वाचिका सुश्री दीपा मिश्रा मुख्य वक्ता रहीं।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय पर्यावरणविद और वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी डॉ. विश्वनाथ पाणिग्रहि समेत अनेक विद्वानों की उपस्थिति रही।
