नई दिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 71,000 से अधिक नए नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह रोजगार मेला प्रधानमंत्री मोदी की रोजगार सृजन के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम का आयोजन देश के 45 विभिन्न हिस्सों में एक साथ किया गया है। इन नए कर्मचारियों को गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नियुक्त किया जाएगा।
राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि इन 71,000 नियुक्तियों में से 29.21% नियुक्तियां ओबीसी समाज, 15.8% अनुसूचित जाति (SC) और 9.59% अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए की जा रही हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में नियुक्तियों की संख्या में 60-70% की वृद्धि हुई है। 2004 से 2014 तक 7,22,161 नियुक्तियां हुईं, जबकि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में यह संख्या लगभग 11 लाख तक पहुंच गई है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में स्पेस स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर फंड निर्धारित किया गया है, साथ ही पेड इंटर्नशिप योजना के तहत 280 कंपनियों ने 1 लाख 25 हजार युवाओं को पंजीकृत किया है। इस दौरान देश में 1,56,210 स्टार्टअप्स स्थापित हो चुके हैं।
पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार की सभी नीतियां युवाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाएं युवाओं के भविष्य को मजबूत करने के लिए बनाई गई हैं। मोदी ने यह भी बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और देश में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थापित हो चुका है।
देश हर क्षेत्र में नई ऊंचाईयां छू रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है और नवीनीकरण ऊर्जा, ऑर्गेनिक फार्मिंग, स्पेस, डिफेंस, टूरिज्म और वेलनेंस सेक्टर सहित अन्य क्षेत्रों में भी भारत नई ऊंचाईयों को छू रहा है।
NEP और मातृभाषा में शिक्षा: प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए एक आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की आवश्यकता थी, जो अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के माध्यम से पूरी हो रही है। पहले जहां पाबंदियों के कारण शिक्षा व्यवस्था बोझ बन जाती थी, अब छात्रों के लिए नए विकल्प उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने ग्रामीण, दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के युवाओं के लिए 13 भाषाओं में भर्ती परीक्षाएं देने का विकल्प प्रदान किया है।