अहमदाबाद I गुजरात के कच्छ जिले में सोमवार सुबह 3.7 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटका सुबह 10:44 बजे आया और जिले में हाल के दिनों में दूसरी बार इतनी तीव्रता से भूकंप महसूस हुआ है। फिलहाल, इस भूकंप के कारण किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
यह झटका दिसंबर माह में जिले में दूसरा भूकंपीय झटका था। इससे पहले 7 दिसंबर को भी जिले में 3.2 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 18 नवंबर को कच्छ में 4 की तीव्रता का भूकंप आया था। नवंबर महीने में ही 15 तारीख को उत्तर गुजरात के पाटन में 4.2 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। गुजरात भूकंप के दृष्टिकोण से एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। पिछले 200 वर्षों में राज्य में नौ बड़े भूकंप आए हैं, जिनमें से 26 जनवरी 2001 को कच्छ में आया भूकंप भारत में पिछले दो दशकों में तीसरा सबसे बड़ा भूकंप था।
भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो यह स्थान फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के किनारे मुड़ने लगते हैं। जब बहुत अधिक दबाव बनता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और इसके कारण ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है, जिससे भूकंप आता है।
भूकंप के केंद्र और तीव्रता का अर्थ
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जहां प्लेट्स की हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर सबसे अधिक कंपन होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर जाती है, इसका प्रभाव कम हो जाता है। हालांकि, अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे अधिक हो, तो इसके आसपास के 40 किमी दायरे में झटका तेज हो सकता है।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल से मापी जाती है। यह स्केल 1 से 9 तक के पैमाने पर होता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इस स्केल से मापा जाता है। इससे भूकंप के झटकों की भयावहता का अनुमान लगता है।