नई दिल्ली I बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका वापस भेजने के लिए भारत को एक राजनयिक संदेश भेजा है। बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने सोमवार को इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को संदेश में बताया गया है कि शेख हसीना को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए बांग्लादेश लाया जाना आवश्यक है।
गृह सलाहकार जहांगीर आलम ने जानकारी दी कि उनके कार्यालय ने विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर प्रत्यर्पण प्रक्रिया तेज करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पहले से प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, जिसके तहत शेख हसीना को वापस लाया जा सकता है।
हसीना के खिलाफ इंटरपोल की मदद और गिरफ्तारी वारंट
बीते माह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन के दौरान हुई मौतों पर मुकदमा चलाने के लिए उन्हें बांग्लादेश लाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए इंटरपोल की मदद से रेड नोटिस जारी करने की बात कही गई थी। 17 अक्तूबर को न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय समेत 45 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उनके खिलाफ हत्या, नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराध समेत 225 मामले दर्ज हैं।
भारत में हैं शेख हसीना
शेख हसीना पांच अगस्त से भारत में हैं। वे बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हुए छात्र आंदोलन और हिंसा के बीच भारत आई थीं। बांग्लादेश सरकार के अनुसार, इन विरोध प्रदर्शनों में 753 लोगों की मौत हुई और हजारों घायल हुए। 1971 में आजादी के बाद बांग्लादेश में लागू 56 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था को लेकर 2018 में बड़े पैमाने पर छात्र आंदोलन शुरू हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पुराने आरक्षण को बहाल करने पर छात्रों ने नाराजगी जताई, जिसके बाद यह आंदोलन हिंसक हो गया