मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार के दो दिग्गज नेताओं शरद पवार और अजित पवार के एक साथ आने की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। नए साल के मौके पर अजित पवार की मां आशाताई पवार के बयान ने सियासी हलकों में चर्चाओं को हवा दे दी है।
नए साल पर पंढरपुर में भगवान विठ्ठल के दर्शन करने गईं आशाताई पवार ने चाचा-भतीजे को एक साथ देखने की अपनी इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने भगवान से प्रार्थना की है कि पवार परिवार फिर से एकजुट हो। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या शरद पवार और अजित पवार फिर से साथ आ सकते हैं।
गौरतलब है कि करीब एक साल पहले अजित पवार ने शरद पवार से अलग होकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके बाद उनकी पार्टी को कानूनी मान्यता मिली और विधानसभा चुनाव में भी शानदार सफलता हासिल हुई। अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने और उनकी पार्टी सत्ता में हिस्सेदार है। वहीं, शरद पवार की पार्टी एनसीपी विपक्ष में है।
पिछले महीने शरद पवार के जन्मदिन के मौके पर अजित पवार और उनका पूरा परिवार एनसीपी प्रमुख को बधाई देने उनके घर पहुंचा था। इस मुलाकात ने पहले ही सियासी हलचल बढ़ा दी थी। अब आशाताई पवार के बयान ने इन अटकलों को और बल दे दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पवार परिवार का एकजुट होना महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे सकता है। हालांकि, राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता, लेकिन हालिया घटनाओं ने पवार परिवार की सुलह की संभावना को लेकर चर्चाएं तेज कर दी हैं।
