नई दिल्ली I कोरोना महामारी के पांच साल बाद, दुनियाभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू (एच5ए1) और एचएमपीवी जैसे नए वायरस महामारी का खतरा पैदा कर सकते हैं। कोरोना के मामले वैश्विक स्तर पर भले ही फिलहाल बहुत कम हो गए हैं, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे पूरी तरह से नजरअंदाजा नहीं किया जा सकता है। वायरस लगातार म्यूटेट होते रहते हैं, जिससे भविष्य में नए वेरिएंट्स का खतरा बना रहता है।
वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, महामारी के शुरुआत से अब तक 70.47 करोड़ से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 70.10 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि अब कोरोना के मामलों में कमी आई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एच5ए1 और एचएमपीवी जैसे वायरस नई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पांच साल के भीतर बर्ड फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ा है। यह वायरस कई देशों में फैल चुका है, जिनमें यूएस और यूके शामिल हैं। इसके कारण होने वाली जटिलताओं ने स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव बढ़ा दिया है।
चीन में एचएमपीवी के मामलों को लेकर बढ़ी चिंता
कुछ समय से चीन में एक नई महामारी के बढ़ते खतरे की चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अस्पताल और श्मशान घाट फिर से भरे हुए हैं और लोग इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और एचएमपीवी जैसे वायरस से प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, चीन सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस पर कोई आधिकारिक जानकारी या अलर्ट जारी नहीं किया है।
बर्ड फ्लू को क्यों माना जा रहा है खतरनाक?
हाल के महीनों में बर्ड फ्लू के मामलों ने महामारी का खतरा बढ़ा दिया है। बच्चों से लेकर वयस्कों तक कई लोग बर्ड फ्लू से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। कनाडा में एक किशोरी को इस संक्रमण के कारण जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था, जो इसके खतरनाक प्रभाव को दिखाता है। येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की डीन डॉ. मेगन रैनी ने इस वायरस को लेकर विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि बर्ड फ्लू के नए स्ट्रेन और इसके प्रसार ने इसे महामारी का रूप देने की क्षमता प्रदान की है।

खाद्य और पेय पदार्थों में भी पाया गया बर्ड फ्लू वायरस
हाल के महीनों में बर्ड फ्लू वायरस कई खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में पाया गया है। कई जगहों पर कच्चे दूध और गायों में वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे यह चिंता बढ़ी है कि यह वायरस तेजी से फैल सकता है। हालांकि, अब तक कच्चे दूध से बर्ड फ्लू के संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन इस पर नजर रखना जरूरी है। कच्चे दूध में वायरस के कारण कुछ बिल्लियों में ब्रेन डैमेज और मृत्यु के मामले देखे गए हैं, जिससे चिंताएं और बढ़ गई हैं।
सीडीसी का अलर्ट
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) ने इस वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे खेतिहर मजदूरों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। सीडीसी ने मौसमी फ्लू के टीके को जरूरी बताया है, ताकि इस वायरस से बचा जा सके।