New Delhi : CM रेखा गुप्ता के पति द्वारा सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकों और निरीक्षण में शामिल होने को लेकर दिल्ली की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि यह संविधान और प्रशासनिक मर्यादा दोनों के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि किस कानून के तहत CM के पति सरकारी तंत्र का हिस्सा बनकर काम कर रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की राजधानी दिल्ली, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजरों में रहती है, वहां सरकार को बीजेपी ने ‘फुलेरा पंचायत’ में तब्दील कर दिया है। महिला आरक्षण का यह मज़ाक है कि CM की जगह उनके पति सरकारी बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं और अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है। उन्होंने कहा कि बीजेपी CM के पति को ही सरकार का असली चेहरा बनाना चाहती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारद्वाज ने कई वीडियो भी दिखाए, जिनमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति अधिकारियों के साथ बैठक लेते और निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं।
सौरभ ने कहा कि यह व्यवहार ग्राम पंचायत या नगर निगम के चुनावों में देखा जाता है, जब महिला प्रतिनिधि की जगह उनका पति काम संभालता है, लेकिन दिल्ली जैसे संवेदनशील और राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह की कार्यप्रणाली लोकतंत्र का सीधा अपमान है।

आप नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस पर प्रतिक्रिया मांगी। उन्होंने कहा कि जो प्रधानमंत्री नैतिकता और स्वच्छ राजनीति की बातें करते हैं, क्या उन्हें यह स्थिति स्वीकार्य है।
सौरभ भारद्वाज ने पूछे तीखे सवाल:

- क्या CM रेखा गुप्ता खुद अपने कार्यों को करने में सक्षम नहीं हैं?
- क्या बीजेपी के पास कोई योग्य व्यक्ति नहीं है जो उनके साथ ओएसडी या पीएस के रूप में काम कर सके?
- कौन सा कानून कहता है कि CM का पति सरकारी अधिकारियों को निर्देश दे सकता है?
