Prayagraj : मऊ से सपा विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे Abbas Ansari को इलाहाबाद हाईकोर्ट से हेट स्पीच मामले में बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने बुधवार को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई 2 साल की सजा पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद अब्बास की विधायकी बहाल होने की संभावना बन गई है।
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में दिए गए भड़काऊ भाषण से जुड़ा है। 3 मार्च को मऊ के पहाड़पुर मैदान में रैली के दौरान Abbas Ansari ने कहा था कि सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी, पहले हिसाब-किताब होगा। इसके बाद उनके खिलाफ शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी।

इस मामले में 31 मई 2025 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने Abbas Ansari को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना लगाया था। सजा के 24 घंटे के भीतर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
Abbas Ansari ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी। उनके वकील उपेंद्र उपाध्याय ने दलील दी कि यह भाषण आचार संहिता उल्लंघन हो सकता है, लेकिन इसमें आपराधिक मंशा नहीं थी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 13 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब सजा पर स्टे दे दिया है।

Abbas Ansari की सदस्यता पहले ही समाप्त कर दी गई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के स्टे के बाद संभावना है कि उनकी विधायकी दोबारा बहाल की जा सकती है। अब्बास अंसारी के ताऊ और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी को भी मई 2023 में गैंगस्टर एक्ट में चार साल की सजा हुई थी, जिससे उनकी संसद सदस्यता गई थी। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी और सदस्यता बहाल हो गई थी।

हाईकोर्ट के इस फैसले से समाजवादी पार्टी को राहत मिली है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक संरक्षण का उदाहरण बता रहा है।
