नई दिल्ली I एक ही सप्ताह में भारत और विदेश में विमानन से जुड़ी चार बड़ी घटनाएं सामने आने के बाद बोइंग Air India 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों की तकनीकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। एअर इंडिया, ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा और सऊदी अरब एयरलाइंस से जुड़ी ये घटनाएं यात्रियों में दहशत का कारण बनी हैं।
एअर इंडिया की फ्लाइट AI315 हांगकांग से दिल्ली लौटाई गई
हांगकांग से दिल्ली आ रही Air India की फ्लाइट AI315 को बीच उड़ान में तकनीकी गड़बड़ी के संदेह के बाद 15 जून सोमवार को वापस हांगकांग लौटना पड़ा। यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर से संचालित की जा रही थी। हालांकि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया।
ब्रिटिश एयरवेज की चेन्नई फ्लाइट ने की आपात लैंडिंग
रविवार को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से चेन्नई के लिए रवाना हुई ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 ने उड़ान भरने के 36 मिनट बाद फ्लैप सिस्टम में खराबी महसूस की। विमान को डोवर की खाड़ी के ऊपर लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर होल्डिंग पैटर्न में रखा गया और अतिरिक्त ईंधन को हवा में गिराकर विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। फ्लाइट करीब 1 घंटा 45 मिनट बाद हीथ्रो लौट आई।
लुफ्थांसा फ्लाइट को मिली बम की धमकी, फ्रैंकफर्ट लौटा विमान
15 जून को हैदराबाद आ रही लुफ्थांसा की फ्लाइट LH752 को बम की धमकी मिलने के बाद वापस फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट लौटना पड़ा। विमान को हैदराबाद में लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई थी। बाद में अधिकारियों ने पुष्टि की कि शाम 6:01 बजे बम की धमकी वाला ईमेल मिलने के बाद SOP के तहत सभी जरूरी सुरक्षा उपाय किए गए।
लखनऊ एयरपोर्ट पर सऊदी विमान के पहियों से निकला धुआं
इसी दिन सुबह, जेद्दा से लखनऊ पहुंचे सऊदी अरब एयरलाइंस के एक विमान के पहियों से धुआं उठता देखा गया। एयरपोर्ट की रेस्क्यू और फायर टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया और एयरपोर्ट संचालन सामान्य रहा।
सवालों के घेरे में बोइंग विमान
गौरतलब है कि 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में बोइंग Air India 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 241 लोगों की मौत हो गई थी। इन घटनाओं के बाद विमानन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को लेकर चिंता बढ़ गई है। यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता होने के बावजूद, लगातार तकनीकी गड़बड़ियों के चलते विमानन कंपनियों और विमान निर्माताओं पर दबाव बढ़ रहा है।
