महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे का समर्थन किया है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान का विरोध जताया है। पवार ने कहा कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का विचार महाराष्ट्र की वैचारिक परंपरा से मेल नहीं खाता।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में पवार ने कहा कि भारत को एकजुट रहने की जरूरत है, तभी देश सुरक्षित रहेगा। उन्होंने पीएम मोदी के नारे को सकारात्मक बताया और कहा, “हम साथ रहेंगे तो सबकी तरक्की होगी।” वहीं, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर अपनी असहमति जताते हुए उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की सोच अलग है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसे बयानों का कोई असर नहीं होता। मेरे विचार में ऐसे शब्द महाराष्ट्र में महत्वहीन हैं। महाराष्ट्र का इतिहास छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिराव फुले और शिवाजी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित है। महाराष्ट्र के लोग अलग तरीके से सोचते हैं। अगर कोई यहां की वैचारिक परंपरा से अलग होता है, तो महाराष्ट्र उसे अपना नहीं मानता।”
इस बार अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला अपने भतीजे युगेंद्र पवार से है। इस बारे में उन्होंने कहा, “युगेंद्र को राजनीति में दिलचस्पी नहीं है। उसे बारामती में भी रहना पसंद नहीं है और वह विदेश में रहना पसंद करता है। बारामती के लोग जानते हैं कि यहां के विकास के लिए सबसे ज्यादा मैंने प्रयास किए हैं, मेरा काम बोलता है।”
गौरतलब है कि पिछली बार लोकसभा चुनावों के दौरान भी बारामती सीट काफी चर्चा में रही थी। उस समय अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती लोकसभा सीट पर टिकट दिया था, जबकि उनकी बहन सुप्रिया सुले उम्मीदवार थीं। चुनाव में सुप्रिया सुले ने उन्हें हरा दिया, जिससे यह सीट चर्चा का विषय बन गई थी।
