Akhilesh Yadav On Election Commission : समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर फर्जी वोटर लिस्ट बनाना रोकना है तो सबसे पहले जिलाधिकारियों को निलंबित करना होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब तक चुनाव आयोग ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक सरकार भी इस गड़बड़ी को रोकने में नाकाम रहेगी।
जब वोट चोरी के खेल में खुद अफसर शामिल हो- Akhilesh Yadav
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि जब वोट चोरी के खेल में खुद अधिकारी शामिल हो जाते हैं, तो यह जिम्मेदारी सरकार और चुनाव आयोग दोनों की बनती है कि वे तुरंत सख्त कदम उठाएं। यह बयान उन्होंने चुनाव आयोग और मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर चल रहे विवाद पर दिया। उन्होंने यूपी के पिछले विधानसभा और उपचुनावों में हुई धांधली का भी हवाला दिया।
चुनाव आयोग पर लगातार हमले
राहुल गांधी ने हाल ही में कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक वोटरों की धांधली का आरोप लगाया था। वहीं, बिहार में SIR मामले को लेकर इंडिया गठबंधन पहले से ही चुनाव आयोग को घेरे हुए है। इसी मुद्दे पर अखिलेश यादव ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि आयोग को तुरंत कार्रवाई कर उदाहरण पेश करना चाहिए, तभी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर अंकुश लगेगा।
उन्होंने बताया कि उप्र के मिल्कीपुर और कुन्दरकी उपचुनाव में उन्होंने कुछ अधिकारियों के नाम तक उजागर किए थे और चुनाव आयोग से वीडियो फुटेज मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

सीएम योगी पर भी निशाना
तेजस्वी यादव के इस आरोप पर कि बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के पास दो ईपीआईसी नंबर हैं, अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, “अगर डिप्टी सीएम के पास दो पहचान पत्र हैं, तो यहां यूपी में सीएम खुद वोट लूट की सुविधा दे रहे थे। बूथ कैप्चरिंग की भी छूट दी जा रही थी।”
उन्होंने सवाल उठाया कि अयोध्या में शिक्षा विभाग के वह कौन से अधिकारी थे जो ड्यूटी की अदला-बदली कर रहे थे? मीरापुर में कमिश्नर, एसएसपी और डीएम कैसे इस बात पर नजर रख रहे थे कि लोग मतदान करने बाहर न निकलें? उन्होंने दावा किया कि महिलाओं पर रिवॉल्वर तानने तक की घटनाएं हुईं और चुनाव आयोग मौन रहा।
चुनावी माहौल में बढ़ी बयानबाजी
यह बयान उस वक्त आया है जब उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं। अगले साल जनवरी-फरवरी में पंचायत चुनाव होने हैं, जबकि 2027 में विधानसभा चुनाव। ऐसे में अखिलेश यादव बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग दोनों पर एक साथ दबाव बनाने की रणनीति में नजर आ रहे हैं। बिहार वोटर लिस्ट विवाद और राहुल गांधी के हालिया आरोपों के बाद उनका रुख और ज्यादा तीखा हो गया है।
