लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वाराणसी में फुटपाथ पर आजीविका चलाने वाले गरीब और मेहनतकश लोगों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार लगातार ईमानदारी से दो वक्त की रोटी कमाने वाले लोगों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग भाजपा के भ्रष्टाचार और बेईमानी की नीतियों के शिकार बन रहे हैं।
अखिलेश यादव ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि कुछ महिलाएं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव से हैं, सड़क किनारे छोटे व्यापार करके अपने बच्चों का पालन-पोषण करती थीं। प्रशासन ने उनकी पटरियां हटा दीं, जिससे उनकी आजीविका छिन गई। महिलाओं ने प्रशासन से सवाल किया कि अब वे अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं और कैसे गुजारा करें।
अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, भाजपाइयों को ईमान की रोटी हजम नहीं होती। जिन लोगों का उत्पीड़न हो रहा है, वे मेहनत और ईमानदारी से अपनी आजीविका चलाने वाले हैं। भाजपा की सरकार ऐसे लोगों को निशाना बना रही है, जो बेबस और वंचित समाज से आते हैं।”*
उन्होंने आगे कहा “भाजपा गरीबों के विरोध में इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि ईमानदारी से जीने वाले लोग उनकी भ्रष्ट और बेईमान सोच के खिलाफ हैं। यही वजह है कि ऐसे लोगों को उनकी नजरों से हटाने की कोशिश की जा रही है।”*
अखिलेश ने मांग की कि वाराणसी में तीन पीढ़ियों से पटरी लगाकर जीवनयापन कर रहे गुजराती समाज के लोगों की आवाज सुनी जाए और उनके रोजगार को सुरक्षित किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बनारसी-गुजराती समाज के प्रति ऐसा असंवेदनशील रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने नारा दिया:”बनारसी-गुजराती कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!